डॉ. रामबली मिश्र
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हरिहरपुरी का सवैया
मनमीत सदा बस साथ रहे,हर बात प्रिया मनमोहक हो।
लग जाय नहीं कुछ और मिले, बस मोहन मीत सुसोचक हो।
उर में बस प्रीति रहे बहती,इक मूरत में द्वय पोषक हों।
मनमीत मिले हिय में खिलते, शुभ रूप धरे मधु घोलक हो।
Varsha_Upadhyay
03-Jan-2023 08:21 PM
बेहतरीन
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सीताराम साहू 'निर्मल'
01-Jan-2023 08:26 PM
शानदार
Muskan khan
01-Jan-2023 07:24 PM
Wonderful
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Varsha_Upadhyay
03-Jan-2023 08:21 PM
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सीताराम साहू 'निर्मल'
01-Jan-2023 08:26 PM
शानदार
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Muskan khan
01-Jan-2023 07:24 PM
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