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हरिहरपुरी का सवैया




हरिहरपुरी का सवैया


मनमीत सदा बस साथ रहे,हर बात प्रिया मनमोहक हो।


लग जाय नहीं कुछ और मिले, बस मोहन मीत सुसोचक हो।



उर में बस प्रीति रहे बहती,इक मूरत में द्वय पोषक हों।


मनमीत मिले हिय में खिलते, शुभ रूप धरे मधु घोलक हो।

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3 Comments

Varsha_Upadhyay

03-Jan-2023 08:21 PM

बेहतरीन

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Muskan khan

01-Jan-2023 07:24 PM

Wonderful

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